Ekadshi October 2023
Ekadshi October 2023, हिंदुओं के लिए महत्व की दो एकादशी तिथियां हैं। पहली इंदिरा एकादशी है, जो कृष्ण पक्ष के दौरान 9 और 10 अक्टूबर को आती है। दूसरी है पापांकुशा एकादशी, जो शुक्ल पक्ष के दौरान 24 और 25 अक्टूबर को आती है। एकादशी के दिन, भक्त पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान विष्णु को समर्पित व्रत रखते हैं।ऐसा माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से आशीर्वाद और सांसारिक सुख मिलता है, जिससे भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुंठ धाम में मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। यह दिन सबसे शुभ दिन माना जाता है।एक महीने में दो बार एकादशी आती है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में।एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और भक्त इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। Papankusha Ekadashi 2023 शुभ मुहूर्त: Ekadashi तिथि 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होगी और 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। Papankusha Ekadashi 2023 व्रत पारण का समय: Papankusha Ekadashi व्रत का पारण 26 अक्टूबर को किया जाएगा।
अक्टूबर 2023 में एकादशी: तिथि और समय
इंदिरा एकादशी 2023: कृष्ण पक्ष (अश्विन मास)
इंदिरा एकादशी तिथि आरंभ – 9 अक्टूबर, 2023 – 12:36 अपराह्न
इंदिरा एकादशी तारीक समाप्त – 10 अक्टूबर 2023 – 03:08 अपराह्न
पारण का टाईम – 11 अक्टूबर 2023 – 05:40 से 08:01 तक
Paran Diwas द्वादशी समाप्ति क्षण – 11 अक्टूबर 2023 – 05:37 अपराह्न
पापांकुशा एकादशी 2023: शुक्ल पक्ष (शुक्ल पक्ष)
Papankusha Ekadashi प्रारंभ – 24 अक्टूबर 2023 – 03:14 अपराह्न
Papankusha Ekadashi समाप्त – 25 अक्टूबर, 2023 – 12:32 बजे
पारण का टाईम – 26 अक्टूबर 2023 – प्रातः 05:45 बजे से प्रातः 08:03 बजे तक
Paran Diwas द्वादशी समाप्ति क्षण – 26 अक्टूबर 2023 – 09:44 पूर्वाह्न
अक्टूबर 2023 में एकादशी: महत्व
हिंदुओं में एकादशी का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन सभी वैष्णव भक्तों द्वारा मनाया जाता है।इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भक्त व्रत रखते हैं, प्रार्थना करते हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मांगते हैं। एक वर्ष में कुल 24 एकादशियाँ मनाई जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग एकादशी के दिन व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु सभी सांसारिक सुखों और खुशियों का आशीर्वाद देते हैं।इन लोगों को मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है और वे सीधे भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुंठ धाम जाते हैं।
अक्टूबर 2023 में एकादशी: पूजा अनुष्ठान
1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें।
2. भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और घर और पूजा कक्ष को साफ करें।
3. एक लकड़ी का तख्ता लें और उसमें भगवान विष्णु की एक मूर्ति रखें। -लड्डू गोपाल जी को स्नान कराएं।
4. शुद्ध गाय के घी का दीया जलाएं, भगवान विष्णु को तिलक लगाएं, फूल या माला चढ़ाएं।फल, घर में बनी मिठाइयाँ जैसे पंजीरी या हलवा चढ़ाएँ।
5. पंचामृत में (दूध, दही, घी, चीनी पाउडर और शहद का मिश्रण) चढ़ाएं। ए
6. लोग भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाते हैं क्योंकि तुलसी के पत्ते चढ़ाए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है लेकिन एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते ना तोड़ें इसलिए बेहतर होगा कि आप तुलसी के पत्ते एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लें।
7. एकादशी कथा, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
8. Bhakta Dwadashi तिथि (पारण समय के दौरान Ekadashi के अगले दिन) पर व्रत तोड़ सकते हैं।
9. जो लोग व्रत रखने में असमर्थ हैं, वे इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर आशीर्वाद ले सकते हैं।
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मंत्र
- ॐ नमो भगव्यय वासुदेवाय..!!