माँ कात्यायनी भोग रेसिपी:- नवरात्रि के छठे दिन को मां के अलौकिक स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। माता को शहद से बनाई गई चीजों का भोग लगाया जाता हैl
Navratri 6th Day
Navratri 6th Day नवरात्रि के छठे दिन (Navratri 6th Day) मां के अलौकिक स्वरूप मां कात्यायनी (Maa Katyayani) की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी के स्वरूप में माता शेर पर सवार हैं और सिर पर मुकुट सुशोभित है। माता की चार भुजाएं हैं। माना जाता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा अर्चना से विवाह में आ रही परेशानी दूर हो जाती है। आइए जानते हैं नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी के रूप की पूजा कैसे की जाती हैं, पूजा की विधि (Puja Vidhi), मंत्र और किस चीज से माता को भोग लगाना चाहिए।
मां कात्यायनी को लगाएं ये भोग:-
माना जाता है कि मां कात्यायनी को शहद और पीले रंग का भोग बहूत प्रिय है। माता को शहद से बनाएं हुऐ हलवे का भोग लगाना चाहिए। भोग बनाने के लिए कड़ाही में गाय का शुद्ध घी गर्म करें और उसमें सूजी को अच्छे से भुनें, और दूसरी तरफ़ दूसरे बर्तन में पानी एक कप पानी डालें और उसमें बारीक कटे हुए काजू, किशमिश और चिरौंजी डालें। पानी के उबलने पर उसमें भुनी हुई सूजी को मिला दें और चीनी की जगह शहद को डाल दें। हलवा गाढ़ा होने पर आंच बंद कर के इलायची का पाउडर मिला दें।
मां कात्यायनी पूजा विधि:-
नवरात्रि के छठे दिन माता के कात्यायनी स्वरूप की पूजा के लिए सुबह नहा के साफ वस्त्र धारण कर के पूजा का संकल्प लेना चाहिए। मां कात्यायनी को पीला रंग बहुत प्रिय है इसलिए पूजा के लिए पीले रंग का वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले पुष्प और शहद का भोग चढ़ाएं। माता की आरती करते हुऐ मंत्रों का जाप करें।
मां कात्यायनी मंत्र जाप:-
मां कात्यायनी की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें ।
देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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Uttarakhand का capital dehradun के ज्योतिषाचार्य पंडित,Yogesh Kukreti ने बताया कि नवरात्रि के छठे दीन पर मां भगवती के कात्यायनी सरूप का पूजन किया जाता है। ये 9 दिन शक्ति और उपासना के माने जाते हैं क्योंकि व्यक्ति शक्ति के बिना शून्य होता है, इसलिए तीनों लोकों के सभी जीव, देवता और दानव शक्ति की उपासना करते हैं। उन्होंने बताया है कि मां कात्यायनी से जुड़ी एक कथा है। कात्यायन ऋषि ने बहुत सालों तक तप किया था, जिसके बाद उन्हें कात्यायनी के रूप में बेटी प्राप्त हुई। मां कात्यायनी का पूजन गोपियां श्रीकृष्ण जी jकी प्राप्ति के लिए करती थीं।
छठा दिन- मां कात्यानी( सफेद रंग)
नवरात्र के छठे दिन दुर्गा मां के एक रूप मां कात्यानी की पुजा की जाती है। इस दिन सफेद रंग का महत्व ज्यादा है और लोग सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं और अन्य चीजों में भी सफेद रंग का अधिक इस्तेमाल करते हैं।
नवरात्रि दिन में छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है,मान्यता है कि इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों चीजों की प्राप्ति होती है, और लम्बी बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को सारे रोगों से मुक्ति मिल जाती है।मां कात्यायनी के पूजन से व्यक्ति में रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं. मां कात्यायनी की पूजा करने से जन्मों के सभी पाप भी मिट जाते हैं। शोधकर्ताओं को इससे शोध में सफलता मिलती है. मां कात्यायनी सफलता और यश का प्रतीक हैं। वह शेर पर सवार होने वाली देवी हैं, जिनकी चार भुजाएं हैं. वह अपनी दो भुजाओं में कमल और तलवार धारण कर के रखती हैं। उनकी एक भुजा वर मुद्रा में और दूसरी भुजा अभय मुद्रा में रहती है।
(अस्वीकरण:-सलाह सहित यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का Option नहीं है, और जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से संपर्क करें।)